Bihar Land Registry New Rules : अगर आप भी बिहार राज्य से हैं और जमीन खरीदी बिक्री करने के लिए सोच रहे हैं तो आपको बिहार सरकार के द्वारा जारी किए गए इस नियम के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।
आपको बता दे कि बिहार में इन दिनों जमीन विवाद का मामला काफी पेंडिंग पड़ा हुआ है। ऐसे में जमीन विवाद का मामला को निपटने के लिए सरकार के द्वारा लगातार निरंतर प्रयास किया जा रहे हैं। इस कारण से राज्य भर में भूमि निबंधन नियमावली यानी जमीन की खरीद बिक्री के नियमों में संशोधन करने नियम लागू किया गया है। आईए जानते हैं क्या है वह नया नियमावाली।
Bihar Land Registry New Rules
लगातार देखा जाए तो बिहार में जमीन से संबंधित ऐसे कई विवाद देखने को मिलते हैं। सरकार के द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है जमीन को लेकर ऐसे विवाद आने वाले समय में नहीं हो। नई नियमावली को लागू करने के लिए निबंधन कार्यालय को भी पत्र भेजा गया है। इसके बाद आदेश आने के बाद भूमि संबंधित काम को निष्पादन करने के लिए कहा गया है। यह नियम के तहत जमीन रजिस्ट्री करने या फिर करने से पहले जमाबंदी का नया नियम लागू हो जाएगा।
नए नियम के अनुसार भविष्य में जमीन विवाद काम देखने को मिलेंगे। हालांकि तत्काल अभी लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है नया नियम लागू होने के बाद फरवरी महीने के बाद ही बेगूसराय जिले में एक भी नया निबंध अभी तक नहीं हो पाया है।
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आपको बता दे की जिले के निबंधन कार्यालय मंझौल के निबंध सहयोगी राम बहादुर महतो जी के द्वारा बताया गया है कि किस फरवरी को ही विभाग के द्वारा एक पत्र को प्राप्त किया गया था। इसके बाद नए नियम के अनुसार सभी दस्तावेजों में जिनके नाम से जमाबंदी होगा उन्हीं को जमीन रजिस्ट्री करने का अधिकार अब मिलेगा। इस जमाबंदी पर खाता और खेसरा संख्या अंकित होना अति आवश्यक है।
इस प्रकार ही दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद जमीन की खरीद बिक्री कर पाएंगे। नई नियमावली के अनुसार कार्यालय में इसका असर देखने को मिल रहा है। मात्र इक्का दुक्का लोग ही जमीन रजिस्ट्री के लिए जिला निबंधन कार्यालय में दिख रहे हैं।
नए नियम के अनुसार जमीन के खरीद बिक्री फिलहाल अभी संभव नहीं है।
मंझौल अनुमंडल निबंधन कार्यालय में निबंध सहयोगी, मुंशी और स्टाफ बिल्डर जमीन के लिए खरीदार और विक्रेता के इंतजार में बैठे हैं। दिन भर में यहां इक्का दुक्का का लोग ही आते हैं। वह भी किसी अन्य से रजिस्ट्री करा लेता है। कचहरी पर आश्रित रहने वाले लोग चाय नाश्ता और खान की दुकान चलाने वाले या तो दिनभर खाली बैठे नजर आ रहे हैं या फिर उनकी दुकान बंद नजर आ रही है। निबंध सहयोगी राम बहादुर के द्वारा बताया गया कि फिलहाल अभी नए आदेश को शिथिल करते हुए पुराने आदेश पर काम करने के लिए आदेश दिया जाए।